1 दिस॰ 2022

रेडियो सक्रिय

 रेडियो सक्रिय अपशिष्ट


आरम्भ में न्यूक्लीय ऊर्जा को विद्युत उत्पादन के मामले में गैर-प्रदूषक तरीका माना जाता था। बाद में यह पता चला कि न्यूक्लीय ऊर्जा के प्रयोग में दो सर्वाधिक खतरनाक अन्तर्निहित समस्याएँ हैं। पहली समस्या आकस्मिक रिसाव की है जैसा कि थ्री माइल आयलैंड और चेरनोबिल की घटनाओं में हुआ था। इसकी दूसरी समस्या रेडियोसक्रिय अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की है।

न्यूक्लीय अपशिष्ट से निकलने वाला विकिरण जीवों के लिये बेहद नुकसानदेह होता है क्योंकि इसके कारण अति उच्चदर से उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) होते हैं। न्यूक्लीय अपशिष्ट विकिरण की ज्यादा मात्रा (डोज) घातक यानी जानलेवा (लीथल) होती है लेकिन कम मात्रा के कारण कई विकार होते हैं। इसका सबसे अधिक बार-बार होने वाला विकार कैंसर है। इसलिये न्यूक्लीय अपशिष्ट अत्यन्त प्रभावकारी प्रदूषक है और इसके उपचार में अत्यधिक सावधानी की जरूरत है।

यह सिफारिश की गई है कि परवर्ती भण्डारण का कार्य उचित रूप में कवचित पात्रों में चट्टानों के नीचे लगभग 500 मीटर की गहराई में पृथ्वी में गाड़कर करना चाहिए। यद्यपि, निपटान की इस विधि के बारे में भी लोगों का कड़ा विरोध है।

आप क्यों सोचते हैं कि निपटान के इस तरीके से काफी लोग सहमत नहीं हैं? इस बारे में आप ऐसा क्यों सोचते हैं?

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