10 जन॰ 2023

मियावाकी जंगल

 

क्या होते हैं मियावाकी जंगल 

मियावाकी जंगल एक ख़ास तरह का जंगल होता है जिसकी खोज जापान के बॉटेनिस्ट अकीरा मियावाकी ने की थी . इस जंगल को विशेष तरीके से उगाया जाता है ताकि इन्हें लंबे समय तक हरा-भरा रखा जा सके . मियावाकी जंगल की खासियत है की यह कम समय में अधिक हरियाली फ़ैलाते हैं और साथ ही इनसे निकलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है. मियावाकी जंगल की तकनीक से केवल 2-3 वर्षों में ही एक घना जंगल प्राप्त किया जा सकता है जबकि सामान्य तौर पर एक घना जंगल तैयार करने के लिए 20-30 साल का समय लगता है

बॉटेनिस्ट अकीरा मियावाकी का मानना था की चर्च मन्दिर जैसे धार्मिक स्थानों पर कभी भी पेड़-पौधे खत्म नहीं होते बल्कि यह खुद ही प्राकृतिक रूप से यहाँ उग जाते है और दशकों तक ऐसे ही बने रहते हैं. पेड़ों की इसी खूबी को उन्होंने मियावाकी जंगल का आधार माना है 

मियावाकी जंगल तकनीक के नियम 

(1) ज़मीन की उर्वरता बढ़ाएं 

जिस ज़मीन पर मियावाकी जंगल विकसित किया जाना हो उस ज़मीन की उर्वरता बढ़ा लेनी चाहिए जिसके लिए उस ज़मीन की मिट्टी में भूसा,गोबर ,नारियल के छिलके और खाद इत्यादि डाली जा सकती है

(2) वातावरण के अनुकूल पौधे लगाएं 

मियावाकी जंगल के लिये अनिवार्य है कि जिस जगह को पौधे लगाने के लिए चुना गया हो वहां के वातावरण के अनुकूल ही पौधे लगाये जाएं जिससे यह जल्दी हरे-भरे हो जाएँगे.  

(3) बीजों का चयन 

मियावाकी जंगल के लिए अनिवार्य है की जिस ज़मीन पर पौधे उगाये जाएंगे उसके लिए बीज भी उसी ज़मीन पर उगे हुए पौधे से लिया गया हो अर्थात् बीज की मूल प्रजाति उसी मिट्टी की हो

(4) इर्द-गिर्द घास और पत्तियाँ डाले 

अक्सर तेज़ धूप में मिट्टी अपनी उर्वरता और नमी खो देती है इसलिए ज़रूरी है की पौधे लगाने के बाद उसके इर्द-गिर्द घास और पत्तियाँ दाल देनी चाहिए क्योंकि तेज़ धूप के समय में यह एक लेयर की तरह का काम करता है और मिट्टी की नमी को खत्म नहीं होने देता

(5)मानसून का समय है बेहतर 

मियावाकी तकनीक से उगाये जाने वाले पौधों के लिए सबसे उत्तम समय मानसून का होता है क्योंकि बारिश के पानी में यह पौधे आसानी से अपनी जड़ें विकसित कर लेते हैं और फिर इन्हें अधिक देखभाल की भी आवश्यकता नहीं पड़ती

 


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